लेखक:
जयश्री राय
जन्म : 8 मई, हजारीबाग, झारखण्ड। शिक्षा : एम. ए. हिन्दी (गोल्ड मेडलिस्ट), गोवा यूनिवर्सिटी। प्रकाशित किताबें : अनकही; तुम्हें छू लूँ ज़रा, खाया पानी, कायान्तर, फुरा के आँसू और पिघला हुआ इन्द्रधनुष, गौरतलब कहानियाँ; मोहे रंग दो लाल, उदास नीले दिन; जून, ज़ाफ़गन और चाँद की रत, एक रात, निस्संग (कहानी संग्रह) औरत जो नदी है, साथ चलते हुए, इक़बाल, दर्दजा (उपन्यास); तुम्हारे लिए (कविता संग्रह); सम्पादित किताबें : हमन हैं इश्क़ मस्ताना (सम्पादन); गवाही (स्त्री विमर्श की कहानियाँ); एक दस्तक (स्त्री प्रतिरोध की कहानियाँ) अगिन असनान (प्रेम कहानी संग्रह)। प्रसारण : आकाशवाणी से रचनाओं का नियमित प्रसारण। सम्मान : युवा कथा सम्मान (सोनभद्र), 2012, स्पन्दन कृति सम्मान, 2017, स्पन्दन सोशल क्रिएटिव अवार्ड, 2018, शिक्षाविद् पृथ्वी भान श्रेष्ठ कथा संग्रह सम्मान, 2019, दिनकर साहित्य सम्मान (जयते फ़ाउंडेशन), 2017, सूरज प्रकाश मारवाह ‘साहित्य रत्न अवार्ड’ 2020, ‘हंस कथा सम्मान’ 2021, हिन्दी सेवी सम्मान 2021। सम्प्रति : कुछ वर्षों के अध्यापन के बाद स्वतन्त्र लेखन। |
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... तुम्हें छू लूँ जराजयश्री राय
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औरत जो नदी हैजयश्री राय
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थोड़ी-सी जमीन थोड़ा आसमानजयश्री राय
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मोहे रंग दो लालजयश्री राय
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साथ चलते हुए...जयश्री राय
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हव्वा की बेटियों की दास्तान दर्दजाजयश्री राय
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